सर्दियों में गठिया नहीं करेगा परेशान, बस ये रखें ध्यान!

ग्लायरा ऑर्थोपेडिक्स, नई दिल्ली के कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन, डॉ. राहुल ग्रोवर से बातचीत पर आधारित

Orthopaedic Surgeon, Glyra Orthopaedics

गठिया जोड़ों में सूजन की बीमारी है। जोड़ में सूजन के परिणामस्वरूप प्रभावित जोड़ की गति की सीमा कम हो जाती है। गठिया की अवस्था के आधार पर इसके लक्षण कम या ज्यादा हो सकते हैं। गठिया से पीड़ित लोगों की समस्या सर्दियों में कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। सर्दियों में गठिया की परेशानी को मैनेज करना काफी मुश्किल हो जाता है। तापमान में अचानक गिरावट के परिणामस्वरूप जोड़ों में सूजन आ जाती है। दरअसल जैसे ही तापमान गिरता है, केशिकाएं संकीर्ण हो जाती हैं, जिससे कठोरता, जोड़ों में सूजन और थकावट की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है।

  • सर्दियों में गठिया की परेशानी बढ़ने के कारणः
  • सर्दी का समय दर्द रिसेप्टर्स की संवेदनशीलता को बढ़ाता है।
  • वायु दाब के गिरने से जोड़ों में तकलीफ होती है। जब दबाव कम हो जाता है, तो ऊतक सूज जाते हैं, जिससे जोड़ों और बेचौनी के बीच तनाव जमा हो जाता है।
  • ठंडा तापमान अधिक मांसपेशियों में ऐंठन का कारण बनता है, जो जोड़ों के दर्द और जकड़न को बढ़ा देता है।
  • ठंड से हाथों और पैरों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे गठिया की परेशानी बढ़ जाती है।
  • कम धूप के कारण सर्दियों के महीनों में विटामिन डी का स्तर गिर जाता है, जिससे हड्डियां और जोड़ भी कमजोर हो जाते हैं।

कैसे बचें सर्दियों में गठिया की समस्या से

नीचे कुछ उपयोगी टिप्स दिए गए हैं जिनका उपयोग करके आप सर्दियों में महसूस होने वाले दर्द को कम कर सकते हैं, डॉ. राहुल ग्रोवर बताया किः

जोड़ों के दर्द से राहत के लिए सबसे जरूरी गर्म रहना है, इसलिए सर्दी की चपेट में आने से बचें। नियंत्रित तापमान वाले वातावरण में घर के अंदर रहना ठंड से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।

अगर आपके कूल्हों या घुटनों में गठिया है, तो लंबे अंडरवियर पहनने से भी आपके निचले अंगों को गर्म रखने में मदद मिल सकती है। अपने पैरों और हाथों को भी गर्म रखें! अतिरिक्त गर्म मोज़े और इंसुलेटेड दस्ताने की एक अच्छी जोड़ी मददगार हो सकती है। गर्म पानी से नहाना भी राहत दे सकता है।

सक्रिय रहें

गठिया की परेशानी को रोकने के लिए आप जो बेहतरीन चीजें कर सकते हैं उनमें से एक व्यायाम है। साथ ही, यह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका है। नियमित व्यायाम मांसपेशियों की ताकत, लचीलापन और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है, ये सभी जोड़ों की परेशानी को कम करने में मदद कर सकते हैं। आप योग, इनडोर साइकिलिंग मशीन, एरोबिक्स, ट्रेडमिल आदि कर सकते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि किसी नए व्यायाम को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

इसका ध्यान रखें कि आप किसी नए व्यायाम को एकदम से शामिल न करें। इस बारे में डॉ. राहुल ग्रोवर ने सलाह दी कि आपको धीरे-धीरे शुरुआत करनी चाहिए। रोजाना दो बार लगभग 2 से 10 मिनट तक व्यायाम करके शुरुआत करें। वर्कआउट के बीच में अच्छे से आराम करें। उन्होंने आगे बताया कि ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन डी गठिया के दर्द को कम कर सकते हैं।

विटामिन डी

कम विटामिन डी का स्तर लोगों को गठिया की परेशानी के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है। आमतौर पर, हमारे खाद्य पदार्थ हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्रदान करते हैं। सूरज की रोशनी से हमें जो यूवी प्रकाश मिलता है, वह हमारे शरीर को विटामिन डी बनाने में मदद करता है। ठंड का मौसम घने बादल छाने और घर के अंदर रहने की इच्छा पैदा कर सकता है।

डॉ. राहुल ग्रोवर के अनुसार “वयस्कों को रोजाना 20 से 50 एनजी/एमएल विटामिन डी का सेवन करना चाहिए। ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर भोजन का सेवन करें, जो कि विटामिन डी से भरपूर होता है, जैसे सैल्मन या मैकेरल। बाजार में ऐसे कई उत्पाद हैं जिन्हें ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन डी से भरपूर किया गया है, जैसे दूध और अनाज।