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क्या आपने आज सनस्क्रीन लगाया? अगर नहीं तो ये स्टोरी आपके लिए है!

सनस्क्रीन लगाना या न लगाना बहुत हद तक हमारे चुनाव की बात नहीं है। ये आपकी त्वचा की जरूरत है। आज हम ये जानने की कोशिश करेंगे कि क्या सनस्क्रीन का उपयोग करना वास्तव में आवश्यक है और क्या सूर्य की किरणें त्वचा के लिए सचमुच खराब हैं?

विटामिन डी के लिए हर किसी को सूरज की रोशनी की जरूरत पड़ती है। ये आवश्यक है, जो मजबूत और स्वस्थ हड्डियों के लिए कैल्शियम अवशोषण में मदद करता है। हालांकि, बिना सुरक्षा के सूर्य से पराबैंगनी (यूवी) विकिरण के संपर्क में आने से त्वचा, आंखों और प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंच सकता है। इसके गंभीर परिणामों कैंसर जैसी समस्या भी हो सकती है।

विशेषज्ञ की राय में सनस्क्रीन

जिविशा क्लिनिक, नई दिल्ली की कॉस्मोटॉलेजिस्ट व त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. आकृति गुप्ता ने बताया कि “सनबर्न और अत्यधिक यूवी विकिरण के संपर्क में आने से त्वचा को नुकसान पहुंचता है। फोटोएजिंग के परिणामस्वरूप इससे त्वचा का कैंसर या त्वचा में जल्दी बुढ़ापा आ सकता है। बहुत कुछ संभव है कि इस ब्यूटीशियन की हालत सनबर्न का नतीजा है। यह यूवी विकिरण के लंबे समय तक संपर्क में आने से होता है। चेहरे, शरीर और यहां तक कि बंद क्षेत्रों सहित शरीर के किसी भी क्षेत्र पर सनबर्न हो सकता है। कुछ मामलों में सनबर्न को ठीक होने में कई दिन लग सकते हैं।“

डॉ आकृति गुप्ता ने बताया कि अपने घर में भी सनस्क्रीन लगाना सबसे अच्छा होता है। खासकर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच जब सूरज सबसे तेज होता है। अगर आप बाहर निकल रहे हैं और आसमान में बादल हैं फिरभी आपको सनस्क्रीन लगाना चाहिए।

सनबर्न के लक्षण

त्वचा का अचानक लाल हो जाना

स्किन पर गर्म और खिचाव महसूस होना

बेचौनी

अगर आपके सेकेंड-डिग्री सनबर्न है, तो आपमें फफोले, सूजन और त्वचा के छिलने जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

आकृति गुप्ता ने बताया कि जोखिम को सीमित करना इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है। ठंडे पानी से स्नान करें, अपनी त्वचा पर ठंडा पानी लगाएं, हाइड्रेटेड रहें, त्वचा को छीलने से बचें, यदि आवश्यक हो तो डॉक्टर से परामर्श के बाद दर्द निवारक दवा लें। साथ ही मॉइस्चराइजर लगाना न भूलें।

सनबर्न से बचने के लिए डॉ. आकृति गुप्ता द्वारा बताए कुछ सुझावों पर नजर डालते हैंः

  1. घर से बाहर निकलने पर खुली त्वचा पर कम से कम 30 एसपीएफ़ वाला सनस्क्रिीन प्रयोग करें। वाटरप्रूफ सनस्क्रीन का प्रयोग बेहतर रहेगा। जो आपको यूवीए और यूवीबी विकिरण से बचाता है। ध्यान रखें कि लगातार बाहर रहने पर हर दो घंटे बाद, तैरने के बाद और पसीने के बाद क्रीम फिर से लगाएं।
  2. जब संभव हो तो तेज धूप में लंबी आस्तीन के कपड़े, स्लैक, चौड़े किनारे वाली टोपी और धूप का चश्मा पहन कर ही घर से बाहर निकलें।
  3. अपने बच्चों के आहार में विटामिन डी से युक्त खाद्य पदार्थ जरूर शामिल करें। बच्चों के साथ-साथ बड़े बच्चों को भी सनस्क्रीन लगाएं।
  4. जब पानी, बर्फ या रेत के पास हो, तो विशेष सावधानी बरतें। ये सूर्य की हानिकारक किरणों को परावर्तित कर सकते हैं। इससे आपको सनबर्न होने की संभावना बढ़ जाती है।
  5. ध्यान रखें कि संतुलित आहार लें, खाने में पर्याप्त विटामिन डी का सेवन करें।
  6. कभी भी टैनिंग बेड का इस्तेमाल न करें। सूरज की रोशनी और टैनिंग बेड की पराबैंगनी किरणें त्वचा के कैंसर और झुर्रियों का कारण बन सकती हैं।
  7. ध्यान रखें कि अपने होठों की सुरक्षा के लिए कम से कम एसपीएफ 15 वाले लिप बाम का इस्तेमाल करें।