परीक्षा की तैयारी में न भूलें अपने आंखों की जरूरतों को
डाॅक्टर एलवीके राजू, सीनियर मोतियाबिंद, लसिक और आईसीएल सर्जन, मैक्सिविज़न सुपर स्पेशलिटी चेन ऑफ आई हॉस्पिटल्स हैदराबाद
मार्च की शुरुआत के साथ, परीक्षा आती है। परीक्षा के समय बच्चे अकसर बहुत अधिक पढ़ने, लिखने में व्यस्त हो जाते हैं। ऐसे में वे अपनी सेहत का अपना ख्याल नहीं रखते। जोकि बिल्कुल सही बात नहीं है। अधिक देर तक पढ़ाई करते रहने की वजह से आंखों में बहुत तनाव पड़ता है। जिससे आंखों में जलन या आंखों में पानी आने जैसी समस्याएं पैदा हो जाती है। अगर ध्यान नहीं दिया जाए तो स्थितियां और भी अधिक बदतर हो सकती हैं। जब आपकी आंखों की उचित देखभाल करने की बात आती है, तो ऐसी कई चीजें हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। आंखों के उचित कार्य को बनाए रखने के लिए किए जाने वाले विभिन्न अभ्यासों और चरणों को समझते हैं।
आंखों की देखभाल के लिए महत्वपूर्ण बातें जिन पर आपका ध्यान होना बहुत जरूरी हैः
1. कोशिश करें कि कभी भी अपनी पीठ के बल लेट कर न पढ़ें।
2. जहां तक संभव हो, पुस्तक की आंख से 25 सेंटीमीटर की दूरी बनाए रखने की कोशिश करें।
3. लंबे समय तक पढ़ने के बीच में पर्याप्त अंतराल (5 से 10 मिनट) आराम करें। आप कोई भी 5 मीटर दूर किसी दूर की वस्तु को देखकर आंखों को आराम दे सकते हैं।
4. यह महत्वपूर्ण है कि आप बहुत सारे फल और सब्जियां जैसे गाजर, पालक, पपीता और आम खाते हों, क्योंकि ये सभी बीटा-कैरोटीन से भरपूर होते हैं और आपको स्वस्थ आंखें और उचित दृष्टि प्रदान करने में मदद करते हैं।
5. नींद से समझौता बिल्कुल न करें।
6. आंखों को तरोताजा रखने के लिए आंखों को रगड़ने से बचना चाहिए और इसके बजाय आपको ठंडे पानी के छींटे मारने चाहिए।
7. कभी भी धीमी रोशनी में न पढ़ें क्योंकि इससे आंखों की रोशनी जा सकती है।
8. चलती ट्रेन या बस में कभी न पढ़ें।
9. कंप्यूटर पर बहुत अधिक देर पढ़ाई या कोई प्रोजेक्ट बना रहे हों तो चकाचैंध व आंखों को बहुत अधिक रोशनी से बचाने के लिए निर्धारित चश्मों को प्रयोग करें। यह भी जरूरी है कि मॉनिटर को इस तरह से रखें कि आंखों और स्क्रीन के निचले हिस्से के बीच 45 डिग्री का कोण हो।
10. साल में एक बार किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा अपनी आंखों जांच अवश्य करवाएं। चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करने में हमेशा अपने ऑप्टोमेट्रिस्ट के निर्देशों का पालन करें।
लगातार सिरदर्द, आंखों में लालिमा, आंखों में पानी आना और आंखों में बार-बार दर्द होना जैसे लक्षण दिखाई देते हों तो नजरअंदाज न करें, अपने माता-पिता को इस बारे में बताएं व जल्द से जल्द विशेषज्ञ की सलाह लें। कई बार ऐसे में आपको एक व्यापक नेत्र जांच के लिए आंख के विशेषज्ञ के पास जाना जरूरी हो जाता है।
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