तेज खांसी के साथ बलगम कहीं “सीओपीडी” तो नहीं! Chronic obstructive pulmonary disease

क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज को ही सीओपीडी COPD कहा जाता है। सीओपीडी फेफड़ों में होने वाली एक बीमारी है। इस बीमारी की वजह से मरीज के फेफड़ों के वायुमार्ग में रुकावट पैदा होती है। इस रूकावट की वजह से मरीज को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी को शुरूआत में ही पहचान कर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। दरअसल जब फेफड़ों के ऊतकों को नुकसान पहुंचने से फेफड़ों के वायुमार्ग गाढ़े बलगम से भर जाते हैं। आसान शब्दों में इससे फेफड़े सही तरह से फूल नहीं पाते हैं। फेफड़ों को इस तरह के नुकसान से वे सही प्रकार से काम नहीं कर पाते हैं। जिसका परिणाम ये होता है कि ऑक्सीजन पूरे शरीर में सही प्रकार से नहीं पहुंचपाती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में तेज खांसी आना आम बात होती है, गंभीर परिस्थितियों में सांस लेने में कठिनाई होती है।

सीओपीडी के लक्षण

सांस लेने में होने वाली परेशानी इस बीमारी का प्रारंभिक लक्षण है। सीओपीडी लक्षणों में घरघराहट होना और सीने में जकड़न की शिकायत सबसे आम है। इसके साथ ही तेज खांसी भी लगभग सभी मामलों में देखी जाती है। सीओपीडी से पीड़ित मरीज अधिक थकावट की भी शिकायत करते हैं। मरीज में बलगम भी खांसी के साथ निकलता है। शुरूआती लक्षणों को नजरअंदाज करने पर स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ सकती है। इसके साथ ही सीओपीडी के मरीजों में सुबह-सुबह सिरदर्द, रक्त में ऑक्सीजन के स्तर में कमी व कुछ मामलों तेजी से वजन घटने की समस्या भी हो सकती है।

सीओपीडी समस्या को बढ़ाने वाले कारक

सीओपीडी से पीड़ित व्यक्ति को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके लिए डाॅक्टर की सलाह से बेहतर कुछ भी नहीं है। फिरभी कुछ कारक हम आपको बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिएः

तंबाकू के धुएं से बचना
धूल के संपर्क से बचें
पालतू पशुओं की रूसी बढ़ा सकती है तकलीफ
किसी परफ्यूम या सुगंधित मोमबत्ती आदि की तेज गंध
प्रदूषण
बहुत अधिक गर्मी या ठंड में भी परेशानी बढ़ सकती है
सीओपीडी की समस्या में व्यायाम है कारगर

सीओपीडी से पीड़ित लोगों को हल्के व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। पैदल वाॅक सीआपीडी में बहुत फायदेमंद होती है। इसे पीड़ित व्यक्ति धीरे-धीरे शुरू कर सकते हैं और आदत होने के बाद इसकी सीमा बढ़ा सकते हैं।

वाॅक के साथ-साथ आप स्ट्रेचिंग भी कर सकते हैं। इससे मांसपेशियों को व्यायाम के लिए तैयार होने का समय मिल जाता है और व्यायाम के दौरान चोट लगने का खतरा भी नहीं होता है। स्ट्रेचिंग के बाद आप टहलना, रस्सी कूदना, साइकिल चलाना, क्रॉस-कंट्री स्कीइंग, स्केटिंग, रोइंग और हल्की एरोबिक्स एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।

सीओपीडी के साथ व्यायाम के लाभ

शरीर में ऑक्सीजन का सही स्तर बनाने में मदद, साथ ही ऑक्सीजन का बेहतर उपयोग करने में भी मदद मिलती है
सीओपीडी के लक्षणों में सुधार
ऊर्जा के स्तर बढ़ता है जिससे आप बिना थके अपने कामों का अंजाम दे सकते हैं
दिल की सेहत अच्छी रहती है
रक्तचाप की समस्या से भी निजात मिलती है
मांसपेशियों को शक्ति मिलती है साथ ही लचीलेपन में सुधार होता है
हड्डियों को मजबूत होती हैं
शरीर की चर्बी कम करने में मदद करें
तनाव, तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करें
बेहतर नींद

नोट- इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें।

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