क्यों होता है कूल्हे में दर्द और कैसे पाएं इस दर्द से छुटकारा
कूल्हे में दर्द अचानक शुरू हो सकता है या समय के साथ धीरे-धीरे बहुत बढ़ सकता है। बहुत से लोगों को रात में कूल्हे में दर्द का अनुभव ज्यादा होता है। अधिकतर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कूल्हे का दर्द अधिक आम है। 40-60 वर्ष की आयु की महिलाओं में सबसे अधिक देखा जाता है। आइए ये जानने का प्रयास करते हैं कि दर्द क्यों होता है। और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
अगर कारणों की बात करें तो कूल्हे में होने वाले दर्द खासकर रात में होने वाले कूल्हे के दर्द के कई कारण हो सकते हैं, चलिए कुछ सामान्य कारणों के बारे में जानते हैं
आपकी उर्म और कूल्हे के दर्द में संबंध
उम्र बढ़ने के साथ-साथ लोगों में ऑस्टियोआर्थराइटिस और ट्रोकेनटेरिक बर्साइटिस जैसे समस्याएं बहुत अधिक देखी जाती हैं।
रजोनिवृत्ति
रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में संक्रमण होने पर दर्द का अधिक खतरा होता है।
अधिक वजन
जो लोग अधिक वजन वाले या मोटे होते हैं, उन्हें ऑस्टियोआर्थराइटिस होने की अधिक संभावना होती है क्योंकि उनके जोड़ों को शरीर के बढ़ते वजन से अधिक दबाव का सामना करना पड़ता है। जिससे भी ये समस्या पैदा हो सकती है।
दुर्घटना या चोट लगना भी है कारण
कूल्हे का दर्द चोट के कारण हो सकता है जिससे कूल्हे के जोड़ को हानि पहुंची हो जैसे कूल्हे की तरफ उंचाई से जिरना या तेज ठोकर लगने पर
घुटने, श्रोणि या पीठ में दर्द
व्यक्ति को कूल्हे में शरीर के अन्य क्षेत्रों से दर्द भी महसूस हो सकता है। उदाहरण के अगर आपके घुटने, श्रोणि या पीठ में तेज दर्द है तो ये दर्द आपको कूल्हे में भी महसूस हो सकता है।
कूल्हे के दर्द से कैसे पायें छुटकारा
अधिकतर मामलों में इस दर्द से जीवनशैली में बदलाव के साथ-साथ व्यायाम और अ्रच्छी नींद से बात बन सकती है। चलिए सबसे पहले बात करते हैं व्यायाम कीः
व्यायाम
व्यायाम के साथ कूल्हे, जांघ, श्रोणि और ग्लूटियल मांसपेशियों को मजबूत करें। व्यायाम ऐसा होना चाहिए जो आपकी कूल्हे की हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करे। जैसे कि तेज चलना, हल्की दौड़ आदि।
आप तेज दौड़ने जैसे उच्च प्रभाव वाले व्यायाम के बजाय कम प्रभाव वाली गतिविधि को भी चुन सकते हैं जैसे कि तैराकी या साइकिल चलाना आदि।
व्यायाम करते समय हमेशा सही प्रकार से वार्मअप करें और विशेषज्ञ की निगरानी में व्यायाम का अभ्यास करें।
दौड़ते समय उचित जूते पहनें।
कूल्हे की ताकत और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए आपके डॉक्टर आपको किसी विशेष व्यायाम के बारे में भी बोल सकते हैं जो आपको फायदा पहुंचाये।
आपकी नींद
नियमित रूप से सोने की स्थिति बदलने से दर्द में सुधार हो सकता है।
पीठ के बल सपाट लेटना। इस स्थिति में कूल्हों के बीच कम दबाव पड़ता है।
एक तरफ लेटते समय पैरों को समानांतर रखने और कूल्हों सहारा देने के लिए पैरों के बीच एक तकिया रखें, जिससे आपको फायदा तुरंत पता चलेगा।
आप अपने गद्दे बदलने पर भी विचार कर सकते हैं। यह कूल्हों पर दबाव को कम करने के लिए बेहतर साबित हो सकता है।
दर्द से छुटकारे के लिए जीवन शैली में परिवर्तन
जीवनशैली में कुछ साधारण बदलाव कूल्हे के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं
पैरों को क्रॉस करके बैठने की आदत से बचें खासकर लंबे समय तक बैठना हो तो।
ध्यान रखें कि एक कूल्हे पर वजन के साथ खड़े न हों।
स्वस्थ वजन बनाए रखें, बहुत अधिक फास्ट फूड का सेवन न करें।
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