पेट दर्द से हैं परेशान? ये हो सकते हैं पेट दर्द के संभावित कारण!

पेट दर्द से हैं परेशान यह एक सामान्य लक्षण है, और अधिकांश लोगों ने पेट दर्द का अनुभव कभी न कभी किया है। पेट या ऊपरी छोटी आंत की रुकावट के कारण होने वाले दर्द को उल्टी से अस्थायी रूप से राहत मिल सकती है। डाॅक्टर की सलाह से एंटासिड खाने या लेने से अस्थायी रूप से पेट या ग्रहणी से अल्सर के दर्द से राहत मिल सकती है क्योंकि भोजन और एंटासिड दोनों उस एसिड को बेअसर करते हैं जो अल्सर और तेज पेट दर्द का कारण बनने के लिए जिम्मेदार होता है। आज हम पेट दर्द के अधिक गंभीर कारणों के बारे में बात करने जा रहे हैं, पेट दर्द के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ कारण ऐसे हैं जिनके सामने आने पर आपको तुरंत ही अपने डाॅक्टर से संपर्क करना चाहिए जैसेः

मल में खून
काले रंग का मल
निर्जलीकरण के लक्षण
मूत्र त्याग करने में दर्द
पेशाब न होना
मल न हो पाना

पेट दर्द से हैं परेशान इसके साथ जुड़े अन्य लक्षणः

बुखार सूजन या संक्रमण
डायरिया या रेक्टल ब्लीडिंग
बुखार और दस्त आंतों की सूजन की तरफ इशारा करते हैं जो संक्रामक या गैर-संक्रामक हो सकता है

पेट दर्द का का इलाज?

शारीरिक संकेत व लक्षण को देखकर डाॅक्टर चिकित्सा शुरू करते हैं, अधिकतर मामलों में इस तरह से ही आराम मिल जाता है।
अगर फिर भी आराम नहीं मिलता है तो शारीरिक परीक्षण पेट दर्द के लिए बहुत जरूरी हो जाता है, इसके बाद निष्कर्ष निकाल कर चिकित्सा की जाती है।
कुछ मामलों में रेडियोलॉजिकल और एंडोस्कोपिक परीक्षण की भी जरूरत पड़ सकती है।

कुछ घरेलू उपचार हैं जिनकी सहायता से बेहद शुरूआती आराम मिल सकता है। यदि आपको पेट दर्द के लिए चिकित्सीय सलाह लेने की आवश्यकता नहीं है, फिरभी घरेलू उपचार का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक या अन्य स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क जरूर करें, कुछ कदम जिनसे आपको आराम मिल सकता हैः

एक बार में अधिक खाना न खाएं, एक निश्चित अंतराल में कुछ न कुछ खाते रहें।
गैस की अधिक समस्या होने पर थोड़ी मात्रा में बेकिंग सोडा ले सकते हैं।
पेट दर्द होने पर आप नींबू के रस का प्रयोग कर सकते हैं।
पेट दर्द से राहत के लिए केला, सेब जैसे फलों को अपने आहार में शामिल करें।
धूम्रपान न करें या शराब न पियें।
अदरक, पुदीना आदि भी आपके पेट दर्द से निपटने में सहायक हो सकते हैं।
नोटः इस बात का ध्यान रखें कि पेट दर्द होने पर तुरंत ही नजदीकी डाॅक्टर से अपनी प्रारंभिक जांच करवाएं, प्रारंभिक जांच को टालना नुकसानदेय हो सकता है।

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